सूर्यदेव के 21 नामों की महिमा -Lord Sun


भगवान सूर्य इस प्रकृति में एक मात्र साक्षात् प्रकट देव हैं...जो संसार को ऊर्जा प्रकाश के साथ साथ गति भी प्रदान करते हैं....शास्त्रों में सूर्य स्तोत्र से सूर्य आराधना का विधान बताया गया है जो साधक को विशेष फल की प्राप्ति कराता है....भगवान सूर्य की पूजा उपासना आरोग्यदाता को वरदान दिलाती है....

18 पुराणों में से एक ब्रह्म 
पुराण में बताये गये सूर्य स्तोत्र के 21 शुभ और
surya dev
गोपनीय मानों का जिक्र मिलता है...कहते हैं भगवान आदित्य के इन नामों का जाप करना भर से मानव के सारे रोग और सारे पाप कट जाते हैं साथ ही मानव को परमगति की प्राप्ति होती है....ब्रह्म पुराण में बताया गया है....

विवर्तनो विविस्वाश्च मार्तंडो भास्करो रविः
लोक प्रकाशकः श्री माँल्लोक चक्षुर्मुहेश्वरः
लोकसाक्षी त्रिलोकेशः कर्ता हर्ता तमिश्रहा
तपनस्तापनश्चैव शुचिः सप्ताश्ववाहनः
गभस्तिहस्तो ब्रह्मा च सर्वदेवनमस्कृतः
एकविंशतिरित्येष स्तव ईष्टः सदा रवे

यानी ब्रह्म पुराण में भगवान सूर्य के जो 21 नाम बताए गए हैं वो हैं

विवर्तन
विवस्वान
मार्तंड
भास्कर
रवि
लोकप्रकाशक
श्रीमान
लोकचक्षु
महेश्व
लोकसाक्षी त्रिलोकेश
कर्ता हर्ता तमिस्राहा
तपन तापन सप्तवाहन शुचि गभस्तिहस्त ब्रह्मा सूर्यदेव

कहते हैं सूर्य देव को उनके 21 नामों का ये स्तोत्र सदैव अतिप्रिय रहा है...इस सूर्य स्तोत्र का नियमित सूर्योदय औऱ सूर्यास्त के समय पाठ करने से साधक सब पापों से न केवल मुक्त हो जाता है बल्कि उसका शरीर निरोगी हो जाता है....ये सूर्य स्तोत्र साधक के धन में बढ़ोत्तरी तो करता ही है साथ ही इससे व्यक्ति का यश चारों ओर फैलता है...इस स्तोत्र को स्तोत्रराज भी कहते हैं....कहते हैं संपूर्ण प्राण प्रतिष्ठित सूर्ययंत्र को पूजा स्थान में स्थापित करके नित्य यंत्र को धूप दीप करने से विशेष लाभ मिलता है..
रविवार को मिलेगी विशेष अनुकंपा

सूर्य देव करेंगे चमत्कार

बस 21 नामों का जाप

मिटा देगा सारे पाप

भगवान सूर्य इस प्रकृति में एक मात्र साक्षात् प्रकट देव हैं...जो संसार को ऊर्जा प्रकाश के साथ साथ गति भी प्रदान करते हैं....शास्त्रों में सूर्य स्तोत्र से सूर्य आराधना का विधान बताया गया है जो साधक को विशेष फल की प्राप्ति कराता है....भगवान सूर्य की पूजा उपासना आरोग्यदाता को वरदान दिलाती है....

18 पुराणों में से एक ब्रह्म पुराण में बताये गये सूर्य स्तोत्र में सूर्यदेव के 21 पवित्र शुभ और गोपनीय मानों का जिक्र मिलता है...कहते हैं भगवान आदित्य के इन नामों का जाप करना भर से मानव के सारे रोग और सारे पाप कट जाते हैं साथ ही मानव को परमगति की प्राप्ति होती है....ब्रह्म पुराण में बताया गया है....

विवर्तनो विविस्वाश्च मार्तंडो भास्करो रविः
लोक प्रकाशकः श्री माँल्लोक चक्षुर्मुहेश्वरः
लोकसाक्षी त्रिलोकेशः कर्ता हर्ता तमिश्रहा
तपनस्तापनश्चैव शुचिः सप्ताश्ववाहनः
गभस्तिहस्तो ब्रह्मा च सर्वदेवनमस्कृतः
एकविंशतिरित्येष स्तव ईष्टः सदा रवे

यानी ब्रह्म पुराण में भगवान सूर्य के जो 21 नाम बताए गए हैं वो हैं

विवर्तन
विवस्वान
मार्तंड
भास्कर
रवि
लोकप्रकाशक
 श्रीमान
लोकचक्षु
महेश्व
लोकसाक्षी त्रिलोकेश
कर्ता हर्ता तमिस्राहा
तपन तापन सप्तवाहन शुचि गभस्तिहस्त ब्रह्मा सूर्यदेव


कहते हैं सूर्य देव को उनके 21 नामों का ये स्तोत्र सदैव अतिप्रिय रहा है...इस सूर्य स्तोत्र का नियमित सूर्योदय औऱ सूर्यास्त के समय पाठ करने से साधक सब पापों से न केवल मुक्त हो जाता है बल्कि उसका शरीर निरोगी हो जाता है....ये सूर्य स्तोत्र साधक के धन में बढ़ोत्तरी तो करता ही है साथ ही इससे व्यक्ति का यश चारों ओर फैलता है...इस स्तोत्र को स्तोत्रराज भी कहते हैं....कहते हैं संपूर्ण प्राण प्रतिष्ठित सूर्ययंत्र को पूजा स्थान में स्थापित करके नित्य यंत्र को धूप दीप करने से विशेष लाभ मिलता है...

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