शंकरो शंकर साक्षात्
शंकरो शंकर साक्षात् दक्षिण भारत में स्थित केरल राज्य का कालड़ी गांव...जहां सन् 788ईं में एक ऐसी दिव्य आत्मा अवतरित हुई... जिसके ज्ञान रूपी दिव्य प्रकाश ने पूरे भारत से अज्ञानता के अंधकार को हमेशा-हमेशा के लिए दूर कर दिया...कहा जाता है कि इस महाज्ञानी शक्तिपुंज के रूप में स्वयं भगवान शंकर इस धरती पर प्रकट हुए थे... शिवगुरू नामपुद्रि के यहां विवाह के कईं साल बाद भी कोई संतान नहीं हुई...भगवान भोलेनाथ शिवगुरू के ईष्ट गुरू थे.. इसलिए उसने पुत्र प्राप्ति की कामना के लिए अपनी पत्नी विशिष्टादेवी के साथ कईं सालों तक भगवान शंकर की कठोर आराधना की... शिवगुरू और विशिष्टादेवी की भक्ति से प्रसन्न होकर देवाधिदेव महादेव ने शिवगुरू को स्वप्न में दर्शन दिए और वर मांगने को कहा...शिवगुरु ने अपने ईष्ट गुरू से वरदान स्वरूप एक दीर्घायु सर्वज्ञ पुत्र मांगा...लेकिन भगवान शंकर ने उन्हें कहा कि... वत्स दीर्घायु पुत्र सर्वज्ञ नहीं होगा और सर्वज्ञ पुत्र दीर्घायु नहीं होगा...बोलो तुम कौन सा पुत्र चाहते हो...तब धर्मप्राण शिवगुरू ने सर्वज्ञ पुत्र की याचना की...औघड़दानी भगवान शिव ने क